Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Sep 2022 · 1 min read

यहां उनका भी दिल जोड़ दो/yahan unka bhi dil jod do

जिनके दिल टूटे हैं चलते कदम थमे हैं,
वो जीना जानते हैं ।
ना जख्मों को सीना जानते हैं ।।
तुम उन्हें भी अपना लो ।प्यारे तुम
मेरी बात मान विश्व बंधुत्व का भाव लेकर,
जन- जन से बैर भाव छोड दो ।
“यहा उनका भी दिल जोड़ दो”।।
हम सब के ओ प्यारे,
किस कदर हैं दूर किनारे।
जीत की भी
क्या आस रखते हैं मन मारे ?
ये मन मैले नहीं निर्मल हैं,
सबल न सही निर्बल हैं,
समझते हैं हम जिन्हें नीचे हैं,
वे कदम दो कदम ही पीछे हैं,
जो हिला दे उन्हें ऐसी आंधी का रुख मोड़ दो ।
यहाँ उनका भी दिल जोड़ दो ।।
दिल बिना क्या यह महफ़िल है,
क्या जीने के सपने हैं,
बेगाना कोई नहीं सब अपने हैं.
ये सब मन के अनुभव हैं,
नहीं हूँ अभी वो, पहले मैं था जो,
सुना था मैंने मरना ही दुखद है,
पर देखा लालसाओं के साथ जीना,
महा दुखद है.
फिर क्या है सुख ?
क्या जीवन सार ?
सुख है सब के हितार्थ में,
जीवन – सार है अपनत्व में,
ऐसा अपनत्व जो एक दूजे का दिल जोड़ दे ।
कोई गुमनाम न हो नाम जोड़ दे ।।
वरना सब असार है चोला,
सब राम रोला भई सब राम रोला ।।

Language: Hindi
1 Like · 205 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* मिल बढ़ो आगे *
* मिल बढ़ो आगे *
surenderpal vaidya
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
gurudeenverma198
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
परिवर्तन
परिवर्तन
विनोद सिल्ला
जग जननी है जीवनदायनी
जग जननी है जीवनदायनी
Buddha Prakash
🍂तेरी याद आए🍂
🍂तेरी याद आए🍂
Dr Manju Saini
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अधूरापन
अधूरापन
Rohit yadav
"चरित्र-दर्शन"
Dr. Kishan tandon kranti
" बहुत बर्फ गिरी इस पेड़ पर
Saraswati Bajpai
23/90.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/90.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चंदा मामा (बाल कविता)
चंदा मामा (बाल कविता)
Dr. Kishan Karigar
मछली कब पीती है पानी,
मछली कब पीती है पानी,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
वार्तालाप
वार्तालाप
Shyam Sundar Subramanian
मास्टर जी का चमत्कारी डंडा🙏
मास्टर जी का चमत्कारी डंडा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जन्मदिन तुम्हारा!
जन्मदिन तुम्हारा!
bhandari lokesh
आइना अपने दिल का साफ़ किया
आइना अपने दिल का साफ़ किया
Anis Shah
अपना घर किसको कहें, उठते ढेर सवाल ( कुंडलिया )
अपना घर किसको कहें, उठते ढेर सवाल ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
कवि दीपक बवेजा
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
■ संडे स्पेशल
■ संडे स्पेशल
*Author प्रणय प्रभात*
मुस्कुरायें तो
मुस्कुरायें तो
sushil sarna
"शिष्ट लेखनी "
DrLakshman Jha Parimal
कैसा दौर है ये क्यूं इतना शोर है ये
कैसा दौर है ये क्यूं इतना शोर है ये
Monika Verma
When you learn to view life
When you learn to view life
पूर्वार्थ
कुछ नमी
कुछ नमी
Dr fauzia Naseem shad
मेरा सुकून....
मेरा सुकून....
Srishty Bansal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सदा बेड़ा होता गर्क
सदा बेड़ा होता गर्क
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...