मौजूदा दौर में
झूठ से बड़ा सच
कुछ भी नहीं!
लूट से बड़ा सच
कुछ भी नहीं!
ऐसा लगता कि
मौजूदा दौर में
फूट से बड़ा सच
कुछ भी नहीं!
झूठ से बड़ा सच
कुछ भी नहीं!
लूट से बड़ा सच
कुछ भी नहीं!
ऐसा लगता कि
मौजूदा दौर में
फूट से बड़ा सच
कुछ भी नहीं!