मोहब्बत के सफर में
मोहब्बत की
पहल करी थी जिसने
वह फिर पीछे हट गया और
मोहब्बत के सफर में
मोहब्बत फिर रह गई एक तरफा और
तन्हा
मोहब्बत का बिगुल
खुद फूंककर
फिर कर दिये
हवा गुजरने के
सारे दरवाजे बंद
अपनी ही हद में
कैद हो गई फिर
उस बदकिस्मत की बेबस
मोहब्बत
जार जार रोये
उसे सुनने वाला
अब इस दुनिया में
नहीं और कोई
बस उसके सिवाय।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001