पुलवामा हमले पर शहीदों को नमन चार पंक्तियां
मोहब्बतों के दिन देश के लिए जान वो गवा गए ,
वतन से बढ़कर कुछ नहीं यह दुनिया को बता गए !
मां उनकी पूछती होगी उनकी बेटे हमारे कहां गए,
देश की खातिर जान गवा कर अमरता वो पा गए !!
कवि दीपक सरल
मोहब्बतों के दिन देश के लिए जान वो गवा गए ,
वतन से बढ़कर कुछ नहीं यह दुनिया को बता गए !
मां उनकी पूछती होगी उनकी बेटे हमारे कहां गए,
देश की खातिर जान गवा कर अमरता वो पा गए !!
कवि दीपक सरल