मै माटी ,माटी का दिया
मै माटी ,माटी का दिया
माटी से मिल ,माटी हो जाऊंगी.
मिट -मिट, लिख अमिट कहानी
मै माटी ,माटी का दिया
मिट कर, नया देह धरूंगी …
अंधियारे को दूर भगा
नया बिहान लाऊंगी
मै माटी ,माटी का दिया
माटी में खो जाऊंगी ,
ढूंढते फिरे जब तुम्हारी आँखें
आना कभी मेरे चौखट, मेरे आंगन तुलसी चौरे में
माटी हूं माटी में ही तुम्हे मिलूंगी