मैं हूँ रात
मैं हूँ रात
मैं हूँ रात
तुम्हारे लिए लाई हूँ
चैन-शकून और नींद
सोओगे नहीं तो कैसे मिटेगी
दिन भर की थकान
कैसे आएगी
तबियत में ताजगी
कैसे आएंगे स्वप्न
गर स्वप्न नहीं आए तो
कैसे होगा लक्ष्य निर्धारित
-विनोद सिल्ला©
मैं हूँ रात
मैं हूँ रात
तुम्हारे लिए लाई हूँ
चैन-शकून और नींद
सोओगे नहीं तो कैसे मिटेगी
दिन भर की थकान
कैसे आएगी
तबियत में ताजगी
कैसे आएंगे स्वप्न
गर स्वप्न नहीं आए तो
कैसे होगा लक्ष्य निर्धारित
-विनोद सिल्ला©