Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2022 · 1 min read

मैं धरती पर नीर हूं निर्मल, जीवन मैं ही चलाता हूं

मैं बर्षा का नीर हूं निर्मल
उज्जवल धारा में बहता हूं
बादल बनकर उड़ता फिरता
रिमझिम धरती पर गिरता हूं
आता हूं मूसलाधार कभी
हाहाकार मचा देता हूं
नदी नाले ताल तलैया
कुएं बावड़ी भरता हूं
धरती पर हरियाली लाता
सब की प्यास बुझाता हूं
जीवन हूं मैं सब जीवों का
जल जीवन देता हूं
उपजाता हूं अन्नधान्य
वृक्षों को जीवन देता हूं
जल जंगल जमीन शिखर
सबकी सुध लेता हूं
मैं नदिया का नीर हूं निर्मल
उज्जवल धारा में बहता हूं
चलते रहना ही धर्म मेरा
मैं गतिशील रहता हूं
गंतव्य पर जाकर
स्वामी (समुद्र) के जल में जा मिलता हूं
उड़ जाता हूं बाष्प रूप में
और बादल बन जाता हूं
जीव जंतु कि त्रिशा मिटाने
धरती पर आ जाता हूं
मैं बर्षा का नीर हूं निर्मल
उज्जवल धारा में बहता हूं

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 222 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
ज़िंदगी की ज़रूरत के
ज़िंदगी की ज़रूरत के
Dr fauzia Naseem shad
#देसी_ग़ज़ल
#देसी_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
प्राण प्रतिष्ठा
प्राण प्रतिष्ठा
Mahender Singh
सतरंगी आभा दिखे, धरती से आकाश
सतरंगी आभा दिखे, धरती से आकाश
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*शुभ विवाह की वर्षगॉंठ, बच्चों ने खूब मनाई (गीत)*
*शुभ विवाह की वर्षगॉंठ, बच्चों ने खूब मनाई (गीत)*
Ravi Prakash
देवमूर्ति से परे मुक्तिबोध का अक्स / MUSAFIR BAITHA
देवमूर्ति से परे मुक्तिबोध का अक्स / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
फितरत
फितरत
Surya Barman
*वोट हमें बनवाना है।*
*वोट हमें बनवाना है।*
Dushyant Kumar
"शाम-सवेरे मंदिर जाना, दीप जला शीश झुकाना।
आर.एस. 'प्रीतम'
*याद है  हमको हमारा  जमाना*
*याद है हमको हमारा जमाना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
Nilesh Premyogi
फिर जिंदगी ने दम तोड़ा है
फिर जिंदगी ने दम तोड़ा है
Smriti Singh
मां (संस्मरण)
मां (संस्मरण)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*अज्ञानी की कलम शूल_पर_गीत
*अज्ञानी की कलम शूल_पर_गीत
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
छोड़ चली तू छोड़ चली
छोड़ चली तू छोड़ चली
gurudeenverma198
दिव्य दृष्टि बाधित
दिव्य दृष्टि बाधित
Neeraj Agarwal
रे कागा
रे कागा
Dr. Kishan tandon kranti
कभी तो तुम्हे मेरी याद आयेगी
कभी तो तुम्हे मेरी याद आयेगी
Ram Krishan Rastogi
कृपया सावधान रहें !
कृपया सावधान रहें !
Anand Kumar
*काल क्रिया*
*काल क्रिया*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"आज की रात "
Pushpraj Anant
मित्रता
मित्रता
जगदीश लववंशी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उम्र निकलती है जिसके होने में
उम्र निकलती है जिसके होने में
Anil Mishra Prahari
“गणतंत्र दिवस”
“गणतंत्र दिवस”
पंकज कुमार कर्ण
प्रेम नि: शुल्क होते हुए भी
प्रेम नि: शुल्क होते हुए भी
प्रेमदास वसु सुरेखा
मित्र कौन है??
मित्र कौन है??
Ankita Patel
बुद्ध या विनाश
बुद्ध या विनाश
Shekhar Chandra Mitra
जीवन से पहले या जीवन के बाद
जीवन से पहले या जीवन के बाद
Mamta Singh Devaa
मिलन की वेला
मिलन की वेला
Dr.Pratibha Prakash
Loading...