Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2022 · 1 min read

मैं तुम पर क्या छन्द लिखूँ?

मैं तुम पर क्या छन्द लिखूँ?

सृजक पालक संघारक तुम
सत,रज व तम के कारक तुम
तुम ब्रह्म, अण्ड, तुम ब्रह्माण्ड
स्थूल, सूक्ष्म विस्तारक तुम

तुम पुरुष तुम्हीं प्रकृति हो
तुम ही सत् चित् आनन्द लिखूँ!
मैं तुम पर क्या छन्द लिखूँ?

तुम काल, कर्म, तुम ही स्वभाव
मायापति, माया का प्रभाव
तुम क्षोभ, रूप तुम महत्तत्व
तुम ज्ञान, क्रिया तुम अहंभाव

तुम ही विकार,तुम निर्विकार
तुम नित्ययुक्त ,स्वछन्द लिखूँ।
मैं तुम पर क्या छन्द लिखूँ?

तुम कार्य, कारक तुम कारण हो
नर, नार, तुम्हीं नारायण हो
तुम वेद,शास्त्र तुम ही पुराण
धर्म, व्रत, यज्ञ, पारायण हो

तुम दृष्टा ,दृश्य ,आकाश तुम्हीं
तुम नद ,वायु , स्पन्द लिखूँ!
मैं तुम पर क्या छन्द लिखूँ?

इन्द्रिय, पदार्थ, स्फूर्ति तुम्हीं
रिद्धि-सिद्धि, रिक्ति पूर्ति तुम्हीं
तेज, ओज, बल, शक्ति , स्पर्श
योग, ज्ञान, शब्द, मूर्ति तुम्हीं

घ्राण ,त्वचा, चक्षु,जिह्वा,श्रोत
जल,पृथ्वी, रस, गन्ध लिखूँ!
मैं तुम पर क्या छन्द लिखूँ?

तुम सात लोक,सातों पाताल
तुम पाद,हस्त तुम वाक्जाल
तुम जनन,बुद्धि, सुर,सरीसृप
तुम पशु, पक्षी,भूधर विशाल

तुम शंकर, ब्रह्मा,विष्णु ,सहस्र
तुम वृक्ष, अन्न,मकरन्द लिखूँ!
मैं तुम पर क्या छन्द लिखू?

✍ नंदन पंडित

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 2 Comments · 288 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जी रहे हैं सब इस शहर में बेज़ार से
जी रहे हैं सब इस शहर में बेज़ार से
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
न्योता ठुकराने से पहले यदि थोड़ा ध्यान दिया होता।
न्योता ठुकराने से पहले यदि थोड़ा ध्यान दिया होता।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
तुम अपने खुदा पर यकीन रखते हों
तुम अपने खुदा पर यकीन रखते हों
shabina. Naaz
परिपक्वता
परिपक्वता
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सिर्फ व्यवहारिक तौर पर निभाये गए
सिर्फ व्यवहारिक तौर पर निभाये गए
Ragini Kumari
'लक्ष्य-1'
'लक्ष्य-1'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"उजला मुखड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
अब मेरी आँखों ने आँसुओ को पीना सीख लिया है,
अब मेरी आँखों ने आँसुओ को पीना सीख लिया है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
कवि दीपक बवेजा
मोबाइल महात्म्य (व्यंग्य कहानी)
मोबाइल महात्म्य (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
संस्कारों को भूल रहे हैं
संस्कारों को भूल रहे हैं
VINOD CHAUHAN
अपनी तस्वीरों पर बस ईमोजी लगाना सीखा अबतक
अपनी तस्वीरों पर बस ईमोजी लगाना सीखा अबतक
ruby kumari
जीवन बेहतर बनाए
जीवन बेहतर बनाए
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
लाल फूल गवाह है
लाल फूल गवाह है
Surinder blackpen
तेरी नादाँ समझ को समझा दे अभी मैं ख़ाक हुवा नहीं
तेरी नादाँ समझ को समझा दे अभी मैं ख़ाक हुवा नहीं
'अशांत' शेखर
आ गए हम तो बिना बुलाये तुम्हारे घर
आ गए हम तो बिना बुलाये तुम्हारे घर
gurudeenverma198
माना सच है वो कमजर्फ कमीन बहुत  है।
माना सच है वो कमजर्फ कमीन बहुत है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
*जिंदगी  जीने  का नाम है*
*जिंदगी जीने का नाम है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुकाम
मुकाम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
खांटी कबीरपंथी / Musafir Baitha
खांटी कबीरपंथी / Musafir Baitha
Dr MusafiR BaithA
हिंदी पखवाडा
हिंदी पखवाडा
Shashi Dhar Kumar
राजाधिराज महाकाल......
राजाधिराज महाकाल......
Kavita Chouhan
हिंदी भारत की पहचान
हिंदी भारत की पहचान
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
*नेता से चमचा बड़ा, चमचा आता काम (हास्य कुंडलिया)*
*नेता से चमचा बड़ा, चमचा आता काम (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तड़प कर मर रही हूं तुझे ही पाने के लिए
तड़प कर मर रही हूं तुझे ही पाने के लिए
Ram Krishan Rastogi
वो लड़की
वो लड़की
Kunal Kanth
मैं कहना भी चाहूं उनसे तो कह नहीं सकता
मैं कहना भी चाहूं उनसे तो कह नहीं सकता
Mr.Aksharjeet
मर्द की कामयाबी के पीछे माँ के अलावा कोई दूसरी औरत नहीं होती
मर्द की कामयाबी के पीछे माँ के अलावा कोई दूसरी औरत नहीं होती
Sandeep Kumar
मेरे देश के लोग
मेरे देश के लोग
Shekhar Chandra Mitra
कर्नाटक के मतदाता
कर्नाटक के मतदाता
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...