Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2022 · 1 min read

मैं तुम्हें

जब भी लगता है भूल जाऊंगी ।
मैं तुम्हें पढ़ के देख लेती हूँ ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
10 Likes · 153 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कितना रोका था ख़ुद को
कितना रोका था ख़ुद को
हिमांशु Kulshrestha
कहीं फूलों की बारिश है कहीं पत्थर बरसते हैं
कहीं फूलों की बारिश है कहीं पत्थर बरसते हैं
Phool gufran
कितनी भी हो खत्म हो
कितनी भी हो खत्म हो
Taj Mohammad
चुनावी वादा
चुनावी वादा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
टूटा हुआ सा
टूटा हुआ सा
Dr fauzia Naseem shad
*प्रभु आप भक्तों की खूब परीक्षा लेते रहते हो,और भक्त जब परीक
*प्रभु आप भक्तों की खूब परीक्षा लेते रहते हो,और भक्त जब परीक
Shashi kala vyas
प्रेम - एक लेख
प्रेम - एक लेख
बदनाम बनारसी
स्मृतियों की चिन्दियाँ
स्मृतियों की चिन्दियाँ
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
लहर आजादी की
लहर आजादी की
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
3109.*पूर्णिका*
3109.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक ही धरोहर के रूप - संविधान
एक ही धरोहर के रूप - संविधान
Desert fellow Rakesh
बचपन
बचपन
Vedha Singh
हार हमने नहीं मानी है
हार हमने नहीं मानी है
संजय कुमार संजू
सनातन सँस्कृति
सनातन सँस्कृति
Bodhisatva kastooriya
“पहाड़ी झरना”
“पहाड़ी झरना”
Awadhesh Kumar Singh
* बेटों से ज्यादा काम में आती हैं बेटियॉं (हिंदी गजल)*
* बेटों से ज्यादा काम में आती हैं बेटियॉं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
थोड़ा सच बोलके देखो,हाँ, ज़रा सच बोलके देखो,
थोड़ा सच बोलके देखो,हाँ, ज़रा सच बोलके देखो,
पूर्वार्थ
पथ नहीं होता सरल
पथ नहीं होता सरल
surenderpal vaidya
जहां हिमालय पर्वत है
जहां हिमालय पर्वत है
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
■ सूरते-हाल ■
■ सूरते-हाल ■
*Author प्रणय प्रभात*
दोहा
दोहा
sushil sarna
Badalo ki chirti hui meri khahish
Badalo ki chirti hui meri khahish
Sakshi Tripathi
" तेरा एहसान "
Dr Meenu Poonia
"अजातशत्रु"
Dr. Kishan tandon kranti
कितने दिलों को तोड़ती है कमबख्त फरवरी
कितने दिलों को तोड़ती है कमबख्त फरवरी
Vivek Pandey
*लोकमैथिली_हाइकु*
*लोकमैथिली_हाइकु*
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
गीत नया गाता हूँ
गीत नया गाता हूँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ
गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ
कवि रमेशराज
"रिश्ता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Loading...