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15 Jun 2024 · 1 min read

मैं कोई ग़जल लिखूं तो तुम गुनगुनाओगे क्या

मैं कोई ग़जल लिखूं तो तुम गुनगुनाओगे क्या,
दिल के कागज पर तुमको सजा लूं,
तुम भी मुझे अपने दिल में रख पाओगे क्या।

मैं अपनी झुल्फों में तुमको जगह दे दूं,
तुम फूल बन जाओगे क्या।

मैं रख लूं तुमको अपने पास उम्रभर,
तुम पूरी जिंदगी साथ निभाओगे क्या।

पल भर भी न जाने देंगे दूर तुमको अपनी आंखों से,
ऐसे मेरी नजरों में समाओगे क्या।

मैं देखती हूं ख्वाब हर दिन बस तुम्हारा,
तुम भी अपनी निगाहों में मेरे सपने सजाओगे क्या।

मैं तो बस तुम्हारी ही हूं हमेशा के लिए,
तुम भी मेरे हो जाओगे क्या।

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