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1 Jun 2022 · 1 min read

मैं अश्क हूं।

मैं अश्क हूं गम का मुझे बहने दो।
हूं बड़ा परेशां कुछ मुझे कहने दो।।1।।

कब तक जज़्ब रहूं मैं यूं नज़रों में।
मैं दर्द ए दिल हूं मुझे छलकने दो।।2।।

डबडबाती नज़रों में मैं जी रहा हूं।
गुबार ए दिल हूं मुझे निकलने दो।।3।।

मेरी जिन्दगी भी अजीब होती है।
मैं बहुत ही रोया हूं मुझे हंसने दो।।4।।

मुद्दतों से ना आराम से सोया हूं।
सुकून से आंखो में मुझे सोने दो।।5।।

निशानी हूं मैं सब एहसासों की।
तुम नज़रों से मुझे ना सूखने दो।।6।।

किसी में पानी किसी में मोती हूं।
अश्क हूं मुझे अश्क ही रहने दो।।7।।

गर जमा तो नासूर बन जाऊंगा।
नजरों से तुम बस मुझे बहने दो।।8।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

3 Likes · 2 Comments · 214 Views
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