मैं अख़बार नहीं पढ़ता!
आख़िर अखबारों में क्या रहता!
झूठ, लूट, नफ़रत और हिंसा!!
पढ़ने के लिए किताबें बहुत हैं!
मैं कभी अख़बार नहीं पढ़ता!!
Shekhar Chandra Mitra
आख़िर अखबारों में क्या रहता!
झूठ, लूट, नफ़रत और हिंसा!!
पढ़ने के लिए किताबें बहुत हैं!
मैं कभी अख़बार नहीं पढ़ता!!
Shekhar Chandra Mitra