– मे हर रोज फुल खिलाता हु –
– मे हर रोज फूल खिलाता हु –
बाग में जाता हु उपवन मे भ्रमण कर पाता हु,
खुश रहता हु सबको खुश रख पाता हु,
कोई ना हो दुखी मेरी वजह से,
ऐसा जतन कर पाता हु,
परिवार होता है एक उपवन की तरह,
उसमे सदस्य है फूल की तरह,
में इन बगिया के फूलो को खुश रख पाता हु,
यह उपवन मेरे लिए प्राण वायु सा,
इस उपवन के लिए पानी की व्यवस्था कर पाता हु,
में हर रोज फुल खिलाता हु,
✍️✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184 –