मेहरबान …
मेहरबान …
ज़मीं बदल जाती है आसमान बदल जाते हैं l
…हवाओं के मिज़ाज़ से बादबान बदल जाते हैं l
…..साये उम्र के भी इक मुक़ाम पे छूट ..जाते हैं –
……..हो दौर ग़मों का तो मेहरबान बदल ..जाते हैं l
बादबान=पाल,पोत
सुशील सरना
मेहरबान …
ज़मीं बदल जाती है आसमान बदल जाते हैं l
…हवाओं के मिज़ाज़ से बादबान बदल जाते हैं l
…..साये उम्र के भी इक मुक़ाम पे छूट ..जाते हैं –
……..हो दौर ग़मों का तो मेहरबान बदल ..जाते हैं l
बादबान=पाल,पोत
सुशील सरना