मेहनत का नतीज़ा
जो दूसरों की
बहुमंजिली
ईमारतें बनाते हैं
वे ख़ुद
तंबुओं में
रहते हैं!
जो दूसरों के
खेतों में
ख़ून-पसीना
बहाते हैं
उनके बच्चे
सूखी रोटी
के लिए
तरसते हैं!!
हमारे देश की
सबसे बड़ी त्रासदी
यही है कि
सबसे ज़्यादा
मेहनत
करने वाले लोग
सबसे ज़्यादा
तकलीफ़ में
जीते हैं!!
Shekhar Chandra Mitra