मेरे लिए अफलातून है तू ।
वो कहती थी ।
मेरा चांद है तू ।
हमारे लिए एक अफलातून है तू ।
कहने दो लोगो को जो भी कहे ।
मेरे लिए कोहिनूर है तू।
है न भरोसा मुझे तेरे प्यार पर ।
भले न हो संसार पर ।
मेरे रूह का प्यार ।
और सुकून है तू ।
रगो -रगो मे जो उठे ।
वो अफलातून है तू ।
आकाश के तारे से भी ।
चमकदार है तू ।
सबके लिए तपता हुआ जून है।
मेरे लिए बजती ठण्डी धुन है ।
हो सबके लिए भले तुम सून ।
मेरे लिए वृद्धि तुम रात चौगुना ।
और दिन दून हो ।
सच कहती हूं ।
मेरे लिए अफलातून हो तुम
Rj Anand Prajapati