उसकी दहलीज पर
मेरे मुरशिद ने हाथ अपना थमाया जबसे,
मुरीद बनकर सर अपना नवाया जबसे।
अब तो बेखौफ होकर जीता हूँ,
उसकी दहलीज पर आया जबसे।
सतीश सृजन
मेरे मुरशिद ने हाथ अपना थमाया जबसे,
मुरीद बनकर सर अपना नवाया जबसे।
अब तो बेखौफ होकर जीता हूँ,
उसकी दहलीज पर आया जबसे।
सतीश सृजन