मेरे बस में नहीं मेरे जज्बात हैं अब
मेरे बस में नहीं मेरे जज्बात हैं अब,
कितने सुहाने दिन और कितनी सुहानी रात है अब।
नहीं कोई शिकवा गिला न ही कोई शिकायत है,
हुई मेरी उनसे बात है अब।
अच्छे से कट जाएगी जिंदगी आगे,
रब्ब ने दी वो सौगात है अब।
क्यों रहें हम उदास और मायूस यूं,
आने वाली रिमझिम बरसात है अब।
हवा में जाने क्या है जो हम इस कदर झूमते हैं,
शायद नशे के हो रहे हालात हैं अब।