थोड़ा सा मुस्करा दो
मेरे पास बैठ करके
थोड़ा सा मुस्करा दो
लम्हे लगे हैं सदियां
तेरा इंतजार करते।
पहली नज़र में मैंने,
तुझको सनम है माना,
पाने की चाह लेकर
मैं घूमता बेगाना।
मेरी बेकरारी बढ़ती
अब जीते हैं न मरते।
लम्हे लगे हैं सदियां
तेरा इंतजार करते।
पलकों ने कर लिया है
बरसने का फ़ैसला,
मिलता नहीं कहीं से
पाने का हौंसला।
कहीं तुमको खो न बैठूं,
हैं बार बार डरते।
लम्हे लगे हैं सदियां
तेरा इंतजार करते दे।
एहसान होगा उस पर
मुझको जो बता ये दे,
रहते हैं वो कहाँ पर
उनका कोई पता दे।
थी बेबसी ये दिल की
नहीं प्यार में न पड़ते।
लम्हे लगे हैं सदियां
तेरा इंतजार करते।
मैं हो गया दीवाना
इबादत सा इश्क़ मेरा,
आंखों से नहीं हटता
एक पल ख्याल तेरा।
मिलने की ललक लेकर
दिन रात आहें भरते।
लम्हे लगे हैं सदियां
तेरा इंतजार करते।