मेरे पापा आज तुम लोरी सुना दो
बालमन को मेरे
बहुत बहलाती है,
रोज रात गाना गा
मुझको सुलाती है।
राग में गाओ या
कोरी गुनगुना दो,
मेरे पापा आज तुम
लोरी सुना दो ।
माँ तो दुलराती है,
खाना खिलाती है,
छत पर ले जाकर
मामा दिखाती है।
आप मन के पलने की
डोरी बुना दो,
मेरे पापा आज
तुम लोरी सुना दो।
माँ तो वात्सल्य भरी
वृहद धरा है,
मेरा पिता प्रेम का
अनन्त अम्बरा है।
मानस के भीत पर
एक होरी चुना दो,
मेरे पापा आज
तुम लोरी सुना दो।
माँ का है प्यार दूना
मां का दुलार दूना।
माँ का मनुहार दूना
मां का उपकार दूना।
प्यार मनुहार को तुम
तिगुना बना दो,
मेरे पापा आज तुम
लोरी सुना दो।
三