मेरे दोस्तों को ना आये ओ काम क्या करू….
(54)
मेरे दोस्तों को ना आये ओ काम क्या करू
साथ घूमु-घुमाऊ और काम क्या करू
शायर तो मैं बन जाऊ लेकिन
दोस्तों को समझ नही आती तो शायरी क्या करूँ।
(अवनीश कुमार)
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मेरे दोस्तों को ना आये ओ काम क्या करू
साथ घूमु-घुमाऊ और काम क्या करू
शायर तो मैं बन जाऊ लेकिन
दोस्तों को समझ नही आती तो शायरी क्या करूँ।
(अवनीश कुमार)