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22 Apr 2022 · 1 min read

मेरे दिल को

मेरे दिल को आज फिर से आज़माकर देखिए
चंद लम्हों के लिए इसको सता कर देखिए

हर हक़ीक़त को यहाँ अब मुँह छिपाकर देखिए
धूप को भी धूप का चश्मा लगाकर देखिए

क्या पता फिर से पकड़ लें धड़कनें रफ़्तार को
इक नया एहसास दिल में फिर जगाकर देखिए

कोई भी दुश्मन नहीं है कोई भी अपना नहीं
हर किसी को दूर ही से मुस्कुराकर देखिए

भाग जाते हैं जो तुमसे मुँह चुराकर आए दिन
एक दिन उनसे कभी तुम मुँह चुराकर देखिए

… शिवकुमार बिलगरामी

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