मेरे ख्वाबों की दुनिया में
मेरे ख्वाबों की दुनिया में
तेरा रोज़ आना जाना है
तू ही बता तेरा और
कहां ठिकाना है
न जाने क्यों तेरी यादें
पीछा करती है
साए की तरह हर वक़्त
मेरे साथ चलती है
मैं प्यासा हूँ वर्षों से
समुन्द्र रास नही आता
तिश्नगी है आब की,
प्यासा रहा नही जाता
जुस्तजू में तेरी मैं
मदिरालय तक हो आया हूँ
तुझे पा न सका मैं
मधुशाला से रिश्ता जोड़ आया हूँ
बेशक तू नही पास मेरे
हाला ही जीने का सहारा है
तू भूली बिसरी बातें थी
अब गुज़रे मंज़र की भीगी यादें है ।
भूपेंद्र रावत
13।04।2020