“मेरे आंसूओं पर बहुत शक करती हो ll
“मेरे आंसूओं पर बहुत शक करती हो ll
क्या मेरी जगह खुद को रख सकती हो ll
प्रेम दुख दर्दों में जकड लेता है,
तुम बचना चाहो तो बच सकती हो ll
“मेरे आंसूओं पर बहुत शक करती हो ll
क्या मेरी जगह खुद को रख सकती हो ll
प्रेम दुख दर्दों में जकड लेता है,
तुम बचना चाहो तो बच सकती हो ll