मेरी माँ मेरी ताकत
मेरी माँ : मेरी ताकत
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माँ मेरी बेटा मै तेरा…
हाथ जोड़ कर करू स्तुति….
ये जीवन तो है बस तेरा….
माँ शब्द ही महान है…
तीनो लोक में गूँजे वो नाम है…
माँ के अंश से उत्पन्न हुवे
हम तो तेरी संतान है…
Ye जमी मेरी माँ है…
ये आसमाँ मेरे पिता…
पानी मेरी दीदी…
आग मेऱा भाई…
हवा मेरे चाचा…
मै उनकी संतान…
इन पञ्च तत्वों से ही मिलकर बना ये जहॉंन है।
माँ-पिता से बड़ा जग में दूजा न कोई भगवान है।।
माँ का आँचल, माँ की ममता, माँ का वो प्यार है।
वो लाड़-दुलार,माँ शब्द में समाया पूरा संसार है।।
जन्म से पहले मौत के बाद भी साथ निभाती है।
मुश्किल सफर में माँ की दुवा ही काम आती है।।
धरा में जन्म लेना तो ईश्वर का ही वो वरदान है।
माँ-पिता के बिना तो घर जैसे कोई शमशान है।।
निडर बना कर हक के लिए लड़ना सीखती है।
अच्छे―बुरे का भेद बता हमे तू सभ्य बनाती है।।
©® प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुन्द (छःग)