मेरी प्यारी बूढ़ी नानी ।
मेरी प्यारी बूढ़ी नानी ।
नित्य सुनाती हमें कहानी।।
बात बताती नई पुरानी।
सुन होती सबको हैरानी।।
चोर सिपाही राजा रानी।
वीरों की गाथा बलिदानी।।
रामायण गीता की वाणी।
याद सभी है उन्हें जुबानी।।
बादल,बिजली,बरखा,पानी।
बालू ,मिट्टी ,छप्पर ,छानी।।
नहीं किसी से है अनजानी।
सच में नानी बड़ी सयानी।।
धमाचौकड़ी या मनमानी।
सह लेती मेरी शैतानी।।
जब भी हम करते नादानी।
शिक्षा देती है वो ज्ञानी।।
लड्डू पेड़े खीर खुबानी।
चिप्स कुरकुरे जब हो खानी।।
कभी न करती आनाकानी।
इनसे बड़ा न कोई दानी। ।
हँसी-ठिठोली तानातानी।
हरकत करती है बचकानी।।
हरदम सुख की छतरी तानी|
लगे ज़िन्दगी बड़ी सुहानी||
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली