मेरी नज़र में कृष्ण
हर तरफ से टेढ़े कृष्ण
सर टेढ़ा
मुकुट टेढ़ा
बाँसुरी टेढ़ी
कमर टेढ़ी
पाँव टेढ़ा
माखन के लिए
गगरी टेढ़ी
पनघट की
डगरी टेढ़ी
राधा के लिए
नजरें टेढ़ी
पांडवों के लिए
चालें टेढ़ी
इतने टेढ़े कृष्ण की
नजरें सीधी सत्य की ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 22/08/11 )