*** मेरी तन्हाइयों में ना आया करें ***
मैंने
रात के
अँधेरे से
कह दिया
है
मेरी
तन्हाइयों
में
ना
आया करे
जब भी
अँधेरा
होता है
मुझे
रह रह कर
उनकी याद
आती है
फिर वही
रुसवाइयों
का दौर
स्वप्न में
भी
हमें
जीने
नही देता है ।।
?मधुप बैरागी