मेरी तकलीफ़ को ऐ जिंदगी
✴️ शें’र अर्ज किया है ✴️
गौर फरमाइएगा
(प्रेमयाद की ?डायरी से)
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मेरी तकलीफ़ को ऐ जिंदगी
तूने क्या खूब बताया है ।
वक्त को मरहम और ख़्वाहिशों पर
पहरा लगाया है ।।
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© Premyad kumar naveen
Dist. Mahasamund (c.g)