– मेरी गलतिया –
– मेरी गलतिया –
तुम्हारी सूरत को चांद कह देना,
तुम्हारे जिस्म से नही रूह से प्यार कर देना,
तुम्हारी दौलत नही सादगी पर मर जाना,
तुम्हे देखकर हमारी आह निकल जाना,
लोग आजकल बदलते है वस्त्रों की तरह अपना महबूब,
तुम्हारे चेहरे पर ही नजर टिका देना,
तुम्हे अपना बनाने की मन में है लाना,
तुम ही बनो जीवनसाथी ऐसी ईश्वर से दुआओ में लाना,
तुम्हे ही अपने प्यार के रूप में पाना,
गलतिया अगर एक बार हो तो वो गलतिया कहलाती है,
भरत इतनी सी थी तुम्हारी गलतिया,
गहलोत अब से तुम मत करना कभी ऐसी गलतिया,
✍️✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184 –