Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jun 2024 · 1 min read

मेरी कुंडलिनी

मेरी कुंडलिनी

करता जो आलस्य है,वह है मरियल बैल।
दरवाजे पर बैठ कर, नापत पृथ्वी शैल।।
कहें मिश्र कविराय,करे मत कुछ बस कहता।
हाँके केवल डींग,शिकायत सब की करता।।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 72 Views

You may also like these posts

दोस्ती में दूरी
दोस्ती में दूरी
Manisha Bhardwaj
तुम्हारी दौलत नई-नई है,
तुम्हारी दौलत नई-नई है,
Lekh Raj Chauhan
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
Ranjeet kumar patre
पहचान मुख्तलिफ है।
पहचान मुख्तलिफ है।
Taj Mohammad
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त
aestheticwednessday
सवाल करना तो बनता है
सवाल करना तो बनता है
Khajan Singh Nain
क्या से क्या हो गया?
क्या से क्या हो गया?
Rekha khichi
" शरारत "
Dr. Kishan tandon kranti
"मैं आज़ाद हो गया"
Lohit Tamta
पारिवारिक मूल्यों को ताख पर रखकर आप कैसे एक स्वस्थ्य समाज और
पारिवारिक मूल्यों को ताख पर रखकर आप कैसे एक स्वस्थ्य समाज और
Sanjay ' शून्य'
धन्यवाद भगवन
धन्यवाद भगवन
Seema gupta,Alwar
छुट्टी का दिन
छुट्टी का दिन
Meera Thakur
*नारी को है सम्मान जहॉं, वह धरती स्वर्ग-समान है (राधेश्यामी
*नारी को है सम्मान जहॉं, वह धरती स्वर्ग-समान है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
फितरत की कहानी
फितरत की कहानी
प्रदीप कुमार गुप्ता
मीठी वाणी बोलिए, रखें शुद्ध व्यवहार .
मीठी वाणी बोलिए, रखें शुद्ध व्यवहार .
RAMESH SHARMA
3615.💐 *पूर्णिका* 💐
3615.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अनजाने में भी कोई गलती हो जाये
अनजाने में भी कोई गलती हो जाये
ruby kumari
न‌ए वर्ष पर सबको प्रेषित शुभकामना न‌ई
न‌ए वर्ष पर सबको प्रेषित शुभकामना न‌ई
Dr. Sunita Singh
सर्वप्रथम पिया से रंग
सर्वप्रथम पिया से रंग
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
कान्हा ओ कान्हा!
कान्हा ओ कान्हा!
Jaikrishan Uniyal
#शुभ_रात्रि-
#शुभ_रात्रि-
*प्रणय*
वो जो कहते है पढ़ना सबसे आसान काम है
वो जो कहते है पढ़ना सबसे आसान काम है
पूर्वार्थ
मंदिर बनगो रे
मंदिर बनगो रे
Sandeep Pande
शिव बन शिव को पूजिए, रखिए मन-संतोष।
शिव बन शिव को पूजिए, रखिए मन-संतोष।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"इक दनदनाती है ,रेल ,जो रोज है चलती ,
Neeraj kumar Soni
दहेज़ …तेरा कोई अंत नहीं
दहेज़ …तेरा कोई अंत नहीं
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
नवरात्रा तीसरा ★ तृतीय अंक ★* 3* दो स्तुतियां
नवरात्रा तीसरा ★ तृतीय अंक ★* 3* दो स्तुतियां
मधुसूदन गौतम
बहुत दागी यहाँ पर हैं
बहुत दागी यहाँ पर हैं
आकाश महेशपुरी
मुझे बिखरने मत देना
मुझे बिखरने मत देना
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
नारी की महिमा
नारी की महिमा
indu parashar
Loading...