मेरी कलम से सिर्फ सत्य ##
मेरी कलम से सत्य !!
जीते जी अगर माँ बाप का सम्मान किया होता !!
तो कौओ को दुध भात ना भी खिलाते !!
रोटी अगर माँ बाप को खिलाया होता !!
गाय को रोटी ना भी खिलाते !!
माँ बाप के चरणों में कभी बैठा होता !!
पंडित के चरणों को हाथ ना लगाते !!
माँ बाप को खुश रखा होता !!
गरीबों में कम्बल ना भी बाँटते !!
घर में तो भगवान के रुप में माँ बाप होता !!
हर मंदिर में माथा ना भी झुकाते !!
जीते जी तो कभी मान दिया नहीं !!
मरने पर क्यों ढोंग करते हो !!
जिन्होंने तुम्हे अपने खुन से सीचा !!
आज उन्हें ही आँखें दिखाते हो !!
कभी पास बैठने की फुरसत नहीं तुम्हे !!
झुठी दुनियां में फंसे हो !!
जिते जी तो रोज रुलाया तुमने !!
मरने पर आँसू बहाते हो !!
कर्म तो यही रहेगा !!
कर्म योगी बदल जायेगा !!
माँ बाप की जगह तुम होगे !!
तुम्हारे जगह तुम्हारे संतान !!
आईना वही रहेगा !!
तस्वीरें बदलती रहेंगी !!
जीते जी सुधार लो अपने कर्म !!
मरने पर सिर्फ पछताओगे !!
मीना सिंह राठौर
नोएडा उत्तर प्रदेश ✍🏻