मेरा हैप्पी बर्थडे
माघ पूस सावन भादों या
कातिक चैत कुवारा।
अम्मा जरा बता दो मुझको,
कब का जनम हमारा।
रामउ, ननकू बबलू फत्ते,
सब हैं जनम मनाते।
मेरा हैप्पी बड डे कब है
मिलकर सभी चिढ़ाते।
स्माइल कर अम्मा बोली,
सुन रे मेरे लाल।
बाबू की हड़ताल थी मिल में,
जनम हुआ उस साल।
जेठ महीना लगा हुआ था,
बगिया थी खूब बौरी।
बरगद पूजा आने को थी,
मैं बैठी थी सौरी।
अलगू की गइया ब्याई थी,
झगरू थे बीमार।
लूह चल रही थी और बाबा,
माड़ रहे थे पयार।
लट्ठ चली थी गांव में उस दिन,
दोनों पक्ष थे घायल।
बड़की काकी ढूंढ रही थी,
गुम थी बजनूँ पायल।
रामू के घर हुई थी चोरी,
पुलिस खोजती चोर।
उसी रात में तू हुआ पैदा,
सुन ले लालन मोर।
इतना ही बस ज्ञान है मुझको
और न याद मिसाल।
अपनी काकी से सुन लेना
बाकी का सब हाल।
मैंने पूछा मेरी मैया,
इतना सब कुछ याद तुझे।
बरस मास गर याद हो तुझको
कागज पर लिखवा दे मुझे।
तेरा दाखिला हुआ पहली में
था स्कूल सरकारी।
जन्मतिथि को लिखने वाले,
थे गया प्रसाद तिवारी।
अंदाजे से दर्ज कर लिया
वही है जन्म तुम्हार।
तीस दिसम्बर सन पचहत्तर
दिन था मंगलवार।
कब मैं पैदा हुआ जगत में
बता न पाया कोई।
यही है मेरा हैप्पी बड डे,
राम करे सो होइ।
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सतीश सृजन, लखनऊ.