मेरा जुनून
दुखों के सागर है मगर हताश नहीं हूं,
छुटा है साथ सबका मगर अकेला नहीं हूं,
अंधेरों के साए में रहता हूं मगर उम्मीद की किरण साथ है,
मुश्किलें हैं पर इतनी भी नहीं कि मंजिल पा न सकू,
उम्मीदों से भरा जुनून,
जिंदगी का अनुभव
हार का सबक…
…. साथ है मेरे
हर पल बाहों को उठा कर जीता हूं अपनी मंजिलों को पाता हूं…
उमेंद्र कुमार