मेरा क्या अपराध
माँ मेरा लड़की होने में मेरा क्या अपराध है,
तू भी तो लड़की है किसी की क्या तुझको ये याद है,
मुझको क्यूँ दुनियां में आने का हक़ नहीं मिलता है,
क्या लड़की बिन इस दुनियां में फूल कोई भी खिलता है,
क्या लड़की के बिन दुनियां में घर कोई घर लगता है,
लड़की नहीं तो क्या स्वयंबर में वर कोई वर लगता है,
लड़की ही बीवी होती है बहना भी लड़की होती,
घर कितना भी सुंदर पर घर का गहना लड़की होती,
फिर भी मेरी क्यूँ नहीं सुनता है कोई फ़रियाद है,
तू भी तो लड़की है किसी की क्या तुझको ये याद है,
लड़की ही थी इंद्रा गाँधी लक्ष्मीबाई भी लड़की थी,
अन्तरिक्ष की दौड़ में शामिल कल्पना भी एक लड़की थी,
टेरेसा भी एक लड़की जो माँ दुनियां की बन पाई ,
लता मंगेशकर भी एक लड़की शान हमारी बन आई,
आसमान में अब लड़की पायलट बन उड़ जाती है,
जो लड़के नहीं कर पाते हैं वो लड़की कर जाती है,
लड़की के बिन क्या दुनियां का कोई कोना आबाद है,
तू भी तो लड़की है किसी की क्या तुझको ये याद है,