मृत्यु क्या है
मृत्यु क्या है?
कविता
मृत्यु क्या है कोई न जाने।
समझ न पाये कभी सयाने।।
उत्तर हित जीवन खप जाता
मृत्यु पुकारे मन घबराता।।
मृत्यु सत्य तो सब कहते है ।
देखी नहि फिर भी डरते है ।।
रही अदृश्य अज्ञात सदा से ।
अनुभव लिखते ज्ञानअदा से ।।
कोई कहता जीव अमर है ।
देह त्याग ही मृत्यु असर है ।।
नव जीवन की मृत्यु विधा है ।
मोक्ष मार्ग गढ़ने विविधा है ।।
जो जन्मा है धरा लोक में ।
मृत्यु संग परिवार शोक में ।।
समय अवधि तक जीने देती।
निश्चित वक्त प्राण हर लेती ।।
राजेश कौरव सुमित्र