मृत्यु के पश्चात
मुझसे मिलने लोग आएंगे,
दूर से ही जमीन पर पड़ा मुझे देखेंगे!
मेरी बुराइयों का कड़वा घूंट पीकर,
मेरी अच्छाइयों का गुणगान करेंगे!!
मेरे ऊपर कुछ बेहतरीन चर्चाएं करेंगे,
फिर कुछ लोग आंसू बहाएंगे!
कुछ लोग रोएंगे, चिल्लाएंगे,
मेरी मृत्यु के पश्चात!!
समय नहीं होगा लोगों को घड़ी भर का,
मेरा संपूर्ण दाह संस्कार को देखने का!
मैं मौन होकर बिना अश्रु बहाए अग्नि में जलूंगा,
मुझे अकेला छोड़, लोग थोड़े दूर खड़े होंगे!!
मेरे गुणगान के बीच-बीच में वे,
अपने कृषि और गृह कार्यों का विश्लेषण करेंगे!
राजनीतिक विषयों पर भी कुछ चर्चा करेंगे,
मैं मौन होकर सब की तरफ एक निगाह देखूंगा!!
मैं बुलाता रहूंगा पर लोग नहीं सुनेंगे,
मुझे जलता देखकर वे अपनी घड़ी पर नजर डालेंगे!
मेरे दाह संस्कार भर का उनके पास वक्त नहीं होगा,
ये सब होगा, मेरी मृत्यु के पश्चात!!
थोड़े दिन लोग मेरी चर्चाएं करेंगे,
उसके बाद अपनी निजी कार्यों में वो व्यस्त हो जाएंगे!
मैं भटकता रहूंगा सबकी याद में,
पर लोग कुछ ही दिनों में मुझे भूल जाएंगे!!
मेरी मृत्यु के पश्चात!
मेरी मृत्यु के पश्चात!!
~ विवेक शाश्वत