मूकदर्शक
आखिर किस दुनिया में रहते हो, साब!
कुछ पता भी है क्या हो रहा है आज!!
बेच दिया गया लगभग पूरे देश को ही
चंद घरानों को करने के लिए आबाद!!
आखिर किस दुनिया में रहते हो, साब!
कुछ पता भी है क्या हो रहा है आज!!
बेच दिया गया लगभग पूरे देश को ही
चंद घरानों को करने के लिए आबाद!!