Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Sep 2021 · 1 min read

दुआएं करेंगी असर धीरे- धीरे

दुआएं करेगी असर धीरे- धीरे
मिलेगी खुशी की डगर धीरे- धीरे

चलो साथ मेरे कदम तुम मिलाकर
लगेगा हसीं ये सफ़र धीरे- धीरे

भले रात आई अमावस की काली
इसे लील लेगी सहर धीरे- धीरे

कटीली बहुत राह है ज़िन्दगी की
उठाना कदम सोच कर धीरे- धीरे

अभी आये परदेश में हो कमाने
नया घर बसेगा मगर धीरे- धीरे

न रफ़्तार को रोक देना अचानक
जहाँ भी ठहर बस ठहर धीरे- धीरे

उड़ाने भरो ‘अर्चना’ हौसलों से
निकल जायेगा सारा डर धीरे- धीरे

20-09-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

6 Likes · 5 Comments · 442 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
भौतिक युग की सम्पदा,
भौतिक युग की सम्पदा,
sushil sarna
कब तक बचोगी तुम
कब तक बचोगी तुम
Basant Bhagawan Roy
पिता
पिता
Mukesh Jeevanand
"निखार" - ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हमार उत्तर प्रदेश
हमार उत्तर प्रदेश
Satish Srijan
*हिंदुस्तान को रखना( मुक्तक )*
*हिंदुस्तान को रखना( मुक्तक )*
Ravi Prakash
जब कोई रिश्ता निभाती हूँ तो
जब कोई रिश्ता निभाती हूँ तो
Dr Manju Saini
तेरी आदत में
तेरी आदत में
Dr fauzia Naseem shad
हौसले के बिना उड़ान में क्या
हौसले के बिना उड़ान में क्या
Dr Archana Gupta
भारत कि गौरव गरिमा गान लिखूंगा
भारत कि गौरव गरिमा गान लिखूंगा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
फ़ितरत-ए-धूर्त
फ़ितरत-ए-धूर्त
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जिंदगी
जिंदगी
लक्ष्मी सिंह
ना जाने क्यों ?
ना जाने क्यों ?
Ramswaroop Dinkar
Jay prakash dewangan
Jay prakash dewangan
Jay Dewangan
रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ
रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ
कवि रमेशराज
✍️गहरी बात✍️
✍️गहरी बात✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
दोस्त.............एक विश्वास
दोस्त.............एक विश्वास
Neeraj Agarwal
मुझे मरने की वजह दो
मुझे मरने की वजह दो
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
2559.पूर्णिका
2559.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
Gouri tiwari
आ भी जाओ
आ भी जाओ
Surinder blackpen
*और ऊपर उठती गयी.......मेरी माँ*
*और ऊपर उठती गयी.......मेरी माँ*
Poonam Matia
बुझलहूँ आहाँ महान छी मुदा, रंगमंच पर फेसबुक मित्र छी!
बुझलहूँ आहाँ महान छी मुदा, रंगमंच पर फेसबुक मित्र छी!
DrLakshman Jha Parimal
बिना आमन्त्रण के
बिना आमन्त्रण के
gurudeenverma198
"परम्परा"
Dr. Kishan tandon kranti
सीमा पर जाकर हम हत्यारों को भी भूल गए
सीमा पर जाकर हम हत्यारों को भी भूल गए
कवि दीपक बवेजा
बगावत का आगाज़
बगावत का आगाज़
Shekhar Chandra Mitra
भर लो नयनों में नीर
भर लो नयनों में नीर
Arti Bhadauria
हाय.
हाय.
Vishal babu (vishu)
Loading...