मुश्किल से घबराना क्या जी
मुश्किल से घबराना क्या जी
दुःख से भी डर जाना क्या जी
गर ना हो मुश्किल जीवन में
जीने का मज़ा पाना क्या जी
खुशबू फैलाओ दुनिया में
फूलों-सा मुरझाना क्या जी
बदली ग़म की छट जाएगी
जग के रात बिताना क्या जी
दुनिया में मुसाफ़िर हैं सभी
कोई भी पहचाना क्या जी
मौत सभी को आएगी जब
धन के पीछे जाना क्या जी
ग़ैर नहीं दुनिया में कोई
पत्थर फिर बरसाना क्या जी
यादों में है हरदम ताज़ा
प्रीत का दर्द पुराना क्या जी