मुफ्तखोरी की हुजूर हद हो गई है
मुफ्तखोरी की हजूर हद हो गई है
ख़ज़ाने की हालत गंभीर हो गई है
नहीं वो दिन दूर है, किस्सा बहुत मशहूर है
कब तक उधार लेकर,घी पिएंगे
पैर चादर से बाहर निकल आए,कब तक सिलेंगे
एक दिन दिवालिया होकर रहेंगे
मुफ्त खोरी के चक्कर में, रैयत हराम खोर हो रही है
पड़े पड़े शराब खोरी कर रही है
धीरे धीरे अकर्मण्य हो रही है
हूजर सिंहासन के चक्कर में राज्य डूब जाएगा
अव्यवस्थाओं के दौर में, कौन बचाएगा
हूजर रैयत को,हरामखोरी की आदत न डालिए
देश सिंहासन से महत्वपूर्ण है,खतरे में न डालिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी