मुझे बदनाम रहने दो
जरा ठहरो कि राह-ए-इश्क में नाकाम रहने दो
अभी जीने की हसरत है अभी गुमनाम रहने दो
मुझे भी गौर से देखेंगे सारे लोग महफिल में
मिरे हाथों में अपनी चाहतों का जाम रहने दो
सुबह के सूर्य की किरनें मुबारक हो तुम्हें लेकिन
मिरी बाँहों में यादों की सुहानी शाम रहने दो
तुम्हारा और मेरा नाम लेंगे लोग शिद्दत से
तुम अपने सर पे मेरे कत्ल का इल्जाम रहने दो
करेंगे लोग मेरी बात मेरे बाद भी ‘संजय’
जमाने की निगाहों में मुझे बदनाम रहने दो