Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2022 · 2 min read

मुझे धोखेबाज न बनाना।

हर दिन मैं अपनें लोगो
से ही धोखा खा रही हूँ
कल तक मुझे अभिमान था
अपनी बुद्धि पर
आज उसी ज्ञान पर पछता रही हूँ
सीख न पाई धोखा देना
इसलिए आजकल धोखा खा रही हूँ।

हर कदम पर कोई न कोई अपना
ठग कर चला जा रहा है
हर दिन अपनों पर से विश्वास
तार-तार होते जा रहा है।

कैसे पहचानु मैं उन चेहरे को
जो हर दिन मुझे छलने के लिए
चेहेर पर अपनत्व का मुखाटा
लगाकर आ जाता है।
न चाहकर भी मैं हर रोज़
धोखे के दलदल में फँस जाती हूँ।

जिससे उम्मीद नही थी धोखा पाने की
अक्सर वहीं लोग मुझे धोखा दे जाते है
गिद्ध भेड़िए बनकर अपने ही
हर तरह से नोचने में लग जाते है।

यह सारा माया जाल एक-दूसरे से
ऊपर उठने और पैसों का है
जिसके पीछे हर आदमी
पागल होते जा रहा है।
चाहे कितना भी गहरा रिश्ता क्यों न हो
आजकल वही धोखा देकर जा रहा है।

कुछ कदम आगे जाकर पीछे देखा
मेरे अपने ही मुझे धोखा देकर
मेरे सीधेपन पर मुस्कुरा रहे थे
कितना बुद्धु है यह कहकर
मेरा ही मजाक उड़ा रहे थे।

मैं कैसे उन्हें बताऊँ की मैं
समझती तो सब हूँ।
पर हार मान जाती हूँ क्योंकि
जब धोखा देने वाले मेरे अपने ही है
कैसे मैं उन्हें लज्जित करूँ
भले ही उन्होंने मुझे अपना न माना हो
पर मैने तो उन्हें अपना माना है।

कैसे मै उन्हें उनके नजरो मे गिराऊँ
कैसे मै उन्हें धोखे के बदले धोखा लौटाऊँ
बस ईश्वर से यह विनती हैं मेरी
चाहे समय कैसा भी हो
मुझे इस धोखे के दलदल में न गिराना
मुझे धोखेबाज न बनाना।

~ अनामिका

Language: Hindi
4 Likes · 6 Comments · 217 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नेता की रैली
नेता की रैली
Punam Pande
आख़री तकिया कलाम
आख़री तकिया कलाम
Rohit yadav
ना मुमकिन
ना मुमकिन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
झील के ठहरे पानी में,
झील के ठहरे पानी में,
Satish Srijan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
तुम गर मुझे चाहती
तुम गर मुझे चाहती
Lekh Raj Chauhan
शुभ हो अक्षय तृतीया सभी को, मंगल सबका हो जाए
शुभ हो अक्षय तृतीया सभी को, मंगल सबका हो जाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सफलता
सफलता
Paras Nath Jha
कया बताएं 'गालिब'
कया बताएं 'गालिब'
Mr.Aksharjeet
आक्रोश - कहानी
आक्रोश - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अपमान
अपमान
Dr Parveen Thakur
"अन्तर"
Dr. Kishan tandon kranti
वो क्या गिरा
वो क्या गिरा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*मतदान*
*मतदान*
Shashi kala vyas
युवा दिवस
युवा दिवस
Tushar Jagawat
*जीवन समझो खेल-तमाशा, क्षणभर की चिंगारी है (मुक्तक)*
*जीवन समझो खेल-तमाशा, क्षणभर की चिंगारी है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
2626.पूर्णिका
2626.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कई जीत बाकी है कई हार बाकी है, अभी तो जिंदगी का सार बाकी है।
कई जीत बाकी है कई हार बाकी है, अभी तो जिंदगी का सार बाकी है।
Vipin Singh
चिड़िया रानी
चिड़िया रानी
नन्दलाल सुथार "राही"
,,
,,
Sonit Parjapati
आप चाहे जितने भी बड़े पद पर क्यों न बैठे हों, अगर पद के अनुर
आप चाहे जितने भी बड़े पद पर क्यों न बैठे हों, अगर पद के अनुर
Anand Kumar
#देसी_ग़ज़ल
#देसी_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
दीप्ति
दीप्ति
Kavita Chouhan
हाथ छुडाकर क्यों गया तू,मेरी खता बता
हाथ छुडाकर क्यों गया तू,मेरी खता बता
डा गजैसिह कर्दम
ना आसमान सरकेगा ना जमीन खिसकेगी।
ना आसमान सरकेगा ना जमीन खिसकेगी।
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
" तितलियांँ"
Yogendra Chaturwedi
तलाश हमें  मौके की नहीं मुलाकात की है
तलाश हमें मौके की नहीं मुलाकात की है
Tushar Singh
पंडित मदनमोहन मालवीय
पंडित मदनमोहन मालवीय
नूरफातिमा खातून नूरी
सावन का महीना
सावन का महीना
विजय कुमार अग्रवाल
बदल गए तुम
बदल गए तुम
Kumar Anu Ojha
Loading...