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18 Aug 2021 · 1 min read

मुक्तक

एगो मुक्तक-
**†********
आज ना होखे भले ऊॅंचा महल सब के।
मिले सुख चैन मड़ई में रहे कुछ बाति ऊ तब के।
भइल सपना पुरनका दिन कइल संतोष हर बाती,
रहल परिवार की बीचे न अइसन बाति बा अब के।

**माया शर्मा,पंचदेवरी,गोपालगंज(बिहार)

Language: Bhojpuri
2 Likes · 4 Comments · 488 Views

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