मुक्तक
लम्हे-लम्हे पर लिखा, दिल ने उनका नाम ।
देते हैं दिन रात जो, उल्फत का पैगाम ।
वो आँखों में मस्तियाँ, शोखी भरा शबाब –
उनकी तो ठहरी अदा ,इश्क हुआ बदनाम ।
सुशील सरना /28-1-24
लम्हे-लम्हे पर लिखा, दिल ने उनका नाम ।
देते हैं दिन रात जो, उल्फत का पैगाम ।
वो आँखों में मस्तियाँ, शोखी भरा शबाब –
उनकी तो ठहरी अदा ,इश्क हुआ बदनाम ।
सुशील सरना /28-1-24