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11 Jan 2024 · 1 min read

मुक्तक

2122 2122 2122 2122

दर्द सीने में दफन कब तक करोगे ।
कब तलक यूँ गर्द से आखिर डरोगे ।
हर कदम अपमान की ज्वाला जली है –
जख्म ये दिल के भला कब तक भरोगे ।

सुशील सरना / 11-1-24

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