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19 Feb 2023 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक
अपना करे पराया चाहे,अनय विरोध जरूरी है।
अनाचार, हिंसा के पथ से,उचित सदा ही दूरी है।
भाव-विचारों का उद्वेलन ,तोड़े भाषिक मर्यादा,
शब्दों पर अंकुश रखने की,कोशिश करनी पूरी है।।
डाॅ.बिपिन पाण्डेय

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