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24 Jan 2023 · 1 min read

मुक्तक

अपना करे पराया चाहे,अनय विरोध जरूरी है।
अनाचार, हिंसा के पथ से,उचित सदा ही दूरी है।
भाव-विचारों का उद्वेलन ,तोड़े भाषिक मर्यादा,
शब्दों पर अंकुश रखने की,कोशिश करनी पूरी है।।

Language: Hindi
1 Like · 116 Views
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