मुक्तक
किसी की स्याह जिन्दगी में
रंग भर सको तो भरो
किसी के गम को
अपना कर सको तो करो
सरपट दौड़ती जा रही इस जिन्दगी में
दो पल का चैन कहाँ
किसी के ग़मगीन चहरे पर मुस्कराहट के
रंग भर सको तो भरो
किसी की स्याह जिन्दगी में
रंग भर सको तो भरो
किसी के गम को
अपना कर सको तो करो
सरपट दौड़ती जा रही इस जिन्दगी में
दो पल का चैन कहाँ
किसी के ग़मगीन चहरे पर मुस्कराहट के
रंग भर सको तो भरो