Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jan 2022 · 1 min read

*मुक्तक*

नित्यप्रति मेरा जौहरी मुझे तोड़ता ही जा रहा है !
यूं वक़्त बेवक़्त मुझे हर वक़्त तराशा जा रहा है !!
जो जितना तराशा जाए बनता उतना बेहतरीन !
लगता है चीज़ कोई बहुत ही ख़ास बना रहा है !!

Language: Hindi
5 Likes · 4 Comments · 484 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"मेरे पास भी रखी है स्याही की शीशी। किस पर फेंकूं कि सुर्ख़िय
*Author प्रणय प्रभात*
गांधीजी की नीतियों के विरोधी थे ‘ सुभाष ’
गांधीजी की नीतियों के विरोधी थे ‘ सुभाष ’
कवि रमेशराज
21)”होली पर्व”
21)”होली पर्व”
Sapna Arora
हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के
हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के
Er. Sanjay Shrivastava
प्यार हुआ कैसे और क्यूं
प्यार हुआ कैसे और क्यूं
Parvat Singh Rajput
"अनुवाद"
Dr. Kishan tandon kranti
"बहनों के संग बीता बचपन"
Ekta chitrangini
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
. inRaaton Ko Bhi Gajab Ka Pyar Ho Gaya Hai Mujhse
. inRaaton Ko Bhi Gajab Ka Pyar Ho Gaya Hai Mujhse
Ankita Patel
जनतंत्र
जनतंत्र
अखिलेश 'अखिल'
मेरी बातों का असर यार हल्का पड़ा उस पर
मेरी बातों का असर यार हल्का पड़ा उस पर
कवि दीपक बवेजा
जब 'बुद्ध' कोई नहीं बनता।
जब 'बुद्ध' कोई नहीं बनता।
Buddha Prakash
मईया कि महिमा
मईया कि महिमा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तुम खेलते रहे बाज़ी, जीत के जूनून में
तुम खेलते रहे बाज़ी, जीत के जूनून में
Namrata Sona
हम हँसते-हँसते रो बैठे
हम हँसते-हँसते रो बैठे
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
ग़ज़ल - ज़िंदगी इक फ़िल्म है -संदीप ठाकुर
ग़ज़ल - ज़िंदगी इक फ़िल्म है -संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
बुंदेलखंड के आधुनिक कवि पुस्तक कलेक्टर महोदय को भेंट की
बुंदेलखंड के आधुनिक कवि पुस्तक कलेक्टर महोदय को भेंट की
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*कुछ गुणा है कुछ घटाना, और थोड़ा जोड़ है (हिंदी गजल/ग
*कुछ गुणा है कुछ घटाना, और थोड़ा जोड़ है (हिंदी गजल/ग
Ravi Prakash
राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस...
राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस...
डॉ.सीमा अग्रवाल
खूबसूरत, वो अहसास है,
खूबसूरत, वो अहसास है,
Dhriti Mishra
प्यार का बँटवारा
प्यार का बँटवारा
Rajni kapoor
सामाजिक न्याय के प्रश्न पर
सामाजिक न्याय के प्रश्न पर
Shekhar Chandra Mitra
लिबास -ए – उम्मीद सुफ़ेद पहन रक्खा है
लिबास -ए – उम्मीद सुफ़ेद पहन रक्खा है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
राखी (कुण्डलिया)
राखी (कुण्डलिया)
नाथ सोनांचली
वक्त का घुमाव तो
वक्त का घुमाव तो
Mahesh Tiwari 'Ayan'
मैं फूलों पे लिखती हूँ,तारों पे लिखती हूँ
मैं फूलों पे लिखती हूँ,तारों पे लिखती हूँ
Shweta Soni
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
यहां कोई बेरोजगार नहीं हर कोई अपना पक्ष मजबूत करने में लगा ह
यहां कोई बेरोजगार नहीं हर कोई अपना पक्ष मजबूत करने में लगा ह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कहीं चीखें मौहब्बत की सुनाई देंगी तुमको ।
कहीं चीखें मौहब्बत की सुनाई देंगी तुमको ।
Phool gufran
उन कचोटती यादों का क्या
उन कचोटती यादों का क्या
Atul "Krishn"
Loading...